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पड़ोसियों ने चीनी पासपोर्ट की काट ढूंढी  


चीन का नया पासपोर्ट उसके पड़ोसियों के साथ संबंधों को तनाव की ओर ले जा रहा है. क्षेत्रीय मुद्दों पर दावेदारी मजबूत करने की कोशिश को चीन ने तकनीकी दक्षता का नाम दिया है लेकिन पड़ोसी चीन को उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं.

फिलीपींस ने बुधवार को कह दिया कि वह चीन के उस पासपोर्ट पर मुहर नहीं लगाएगा जिनमें दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्सों को चीन का दिखाया गया है. फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि अप्रवासन अधिकारी एक अलग वीजा आवेदन फॉर्म पर मुहर लगाएंगे चीन के पासपोर्ट पर नहीं. मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है, "इस कार्रवाई के जरिए फिलीपींस दक्षिण चीन सागर के इलाकों पर चीन के दावे का विरोध करता है."

                                    आसपास के इलाकों पर अपनी दावेदारी को और पक्का करने की चीन की कोशिश ने विवाद बढ़ा दिया है. बीजिंग ने नया पासपोर्ट जारी करना शुरू किया है जिसमें एक नक्शा है और इस नक्शे में आस पास के जिन इलाकों पर विवाद है उन्हें चीन का हिस्सा दिखा दिया गया है. इसमें कुछ इलाके पर विएतनाम और फिलीपींस के साथ विवाद है तो कुछ इलाकों पर भारत के साथ. भारत पहले ही इस पर अपना विरोध जता चुका है और उसने अपने देश में आने वाले चीनी लोगों के वीजा पर अपने नक्शे के साथ मुहर लगाना शुरू किया है. विएतनाम ने भी इन पासपोर्ट पर मुहर लगाने से इनकार कर दिया है.                                      

                                 फिलीपींस का कहना है कि चीनी पासपोर्ट पर मुहर लगाना दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को वैध बनाना होगा. इन इलाकों पर फिलीपींस, विएतनाम, ब्रुनेई, मलेशिया और ताईवान भी दावा करते हैं. पिछले हफ्ते ही फिलीपींस के विदेश मंत्री अल्बर्ट डेल रोसारियो ने इस बारे में आधिकारिक विरोध जताते हुए एक पत्र पिछले हफ्ते ही चीन को भेजा.

अमेरिकी ने इस मामले पर चिंता जताई है और कहा है कि वह चीन से इस पर बातचीत करेगा. हालांकि विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि यह देशों पर है कि वो अपना पासपोर्ट कैसा बनाना चाहते हैं, अमेरिका उसे एक वैध दस्तावेज ही मानेगा. हालांकि इसके साथ ही उन्होने कहा, "यह एक अलग मामला है कि क्या इसमें राजनीतिक चतुराई दिखाई गई है या फिर यह देशों को दुश्मन बनाने के उद्देश्य से किया गया है." नूलैंड ने कहा कि यह क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए माहौल बनाने में मददगार नहीं होगा. अमेरिका ने चीन और उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों से कहा है कि दक्षिण चीन सागर पर तनाव खत्म करने के लिए उन्हें एक आचार संहिता पर सहमति बनानी चाहिए.

 

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