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मप्र में धोखाधड़ी करने वाले बैंक अधिकारियों को सजा 




    

भोपाल | मध्य प्रदेश के भिण्ड जिले में वर्ष 2005 में हुए एक ऋण घोटाले के सम्बंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की लहार शाखा के तत्कालीन प्रबंधक एस. ए. गनी व सह-प्रबंधक एस. बी .आजाद को अलग-अलग मामलों में पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। इन दोनों पर सवा तीन लाख का अर्थदण्ड भी लगाया गया है। सीबीआई के भोपाल स्थित कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में लहार शाखा में ऋण के मामले में 31 लाख 90 हजार का घोटाला हुआ था। इन दोनों अधिकारियों ने सात संस्थानों को नियमों को ताक पर रखकर कर्ज दिया था। 27 मार्च 2005 को सीबीआई ने मामला दर्ज किया था जो जांच के बाद सही पाया गया था। इसके बाद 30 जून 2007 को सीबीआई ने न्यायालय में आरेाप पत्र दाखिल किया।

इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए मंगलवार को सीबीआई अदालत ने दोनों बैंक अधिकारियों को अलग-अलग मामलों में पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। इसी तरह कर्ज लेने वालों को भी आपराधिक षडयंत्र का दोषी मानते हुए सजा व जुर्माना लगाया गया है।